हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है,
न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है,
न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो…
जिन्हे कोई उनकी औकात से
भी ज्यादा चाहने लगता है…
क्या हुआ जो हम किसीके दिल में नहीं धड़कते,
आँखों में तो कईयों की खटकते है !!
खौफ नहीं अजनबी से मुलाकात का,फिक्र है की कौई रिश्ता ना बन जाये !!
गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,…
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,..
.नदीयाँ की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे!!
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
उसे बेवफा कहकर..हम अपनी ही नजरो में गिर जाते..क्यूंकि वो प्यार भी अपना था..और पसंद भी अपनी..
हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..