मेरे पास गोपियाँ तो बहुत है,
पर मेरा मन मेरी राधा के
सिवा कहीं लगता ही नही
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे पास गोपियाँ तो बहुत है,
पर मेरा मन मेरी राधा के
सिवा कहीं लगता ही नही
ये दिल अजीब है अक्सर कमाल करता है
नहीं जवाब जिनका वो सवाल करता है ।
धरे रह गए वादे इश्क केउसने लगा लिया सिन्दुर मांग में |
हद से बढ़
जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते है,
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम
मिलते है !!
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर
नहीं मिले
दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम
नहीं होता,.
फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…
कुछ लोग मुझे अपना
कहा
करते थे..
सच कहूँ तो वो सिर्फ
कहा करते थे.!!
आदमी हूँ , इसलिये जुदा हूँ , कठपुतलियों से …
उंगलियों के इशारों में , मुझे चलना नही आता ..!!
मत कर इतना गुरुर खुद पर,
हमने चाहना छोड़
दिया,तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे
बहुत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती…