पहली मोहब्बत हमेशा ग़लत इंसान से होती है,
और दूसरी मोहब्बत हमेशा सही इंसान से ग़लत वक़्त पर हो जाती है ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पहली मोहब्बत हमेशा ग़लत इंसान से होती है,
और दूसरी मोहब्बत हमेशा सही इंसान से ग़लत वक़्त पर हो जाती है ।।
काश तुम समझ सको कभी हालात मेरे..
.एक खालीपन है जो तेरे बिना भरता ही नहीं…..
मिट्टी की पकड़ बहुत मज़बूत होती है,
संगे मरमर पर तो पाँव ही फिसला करते है..!!
शिकवे तो यूँ करते हो मुझसे जैसे सिर्फ मेरे हो !
आईना साफ किया तो “मैं” नजर आया।
“मैं” को साफ किया तो “तू” नजर आया।।
पानी से तसवीर कहां बनती है ख्वाबों से तकदीर कहां बनती है
किसी से प्यार करो तो सच्चे दिल से
क्य़ॊंकि यह जिंदगी फिर कहां मिलती है …!
एक उसूल पर गुजारी है जिदंगी मैने,
जिसको अपना समझा उसको कभी परखा नही…
किसी को माफ़ तो
बार बार कर सकते है ,
मगर भरोसा बार बार
नहीं कर सकते…. ।।
बरसती फुहारों में भीगकर थोड़ा आराम सा लगता है,
किसी फ़रिश्ते का नशीला भरा ईक जाम सा लगता है.
अरसे बाद कुछ सुकून के पल हुये जैसे हासिल,
फिजा का रंग किसी बिछड़े की पहचान सा लगता है.
कभी देखता हूँ मतलब में भागती दुनिया को तो,
हर शख्स यहां ना जाने क्यों नाकाम सा लगता है.
दूसरों की क्या बात करें जो खुद का हाल हो बुरा,
कहे कोई लाजवाब वो भी ईक ईल्ज़ाम सा लगता है.
किसी रोज़ हँसते हुये देख ले किसी को कोई,
तो है पूछता क्या बात क्यों परेशान सा लगता है.
दर्द का दर्द जाने दर्द को महसूस करने वाला ही,
उसने दर्द में पुकारा जिसको खुद का नाम सा लगता है.
आदमी के ख्वाईशो की इंतहा नहीं
दो गज़ जमीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद