वो भी ना भूल पाई होगी मुझे…
क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो भी ना भूल पाई होगी मुझे…
क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
एक जुल्म ही तो है इंसानों पर,
जिसे लोग मोहब्बत कहते है !!
हर शख्स की अपनी कुछ मजबूरियाँ हैं,
कुछ समझ पाते हैं और कुछ रूठ जाते हैं।
पगली मुझे कहनी है तुमसे बस एक बात,
दास्तान लबों से सुनोगी या निगाहों से !!
उसे भी सरबुलंदी पर हमेशा नाज़ रहता है,
हमें भी आसमानों को ज़मीं करने की आदत है !
मुझसे मिलने को आप आये हैं ?
बैठिये, मैं बुला के लाता हूँ |
सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से,
उधर महलों की आरज़ू ये है कि, बरसात और तेज हो!!
मैं अपनी ताकते इन्साफ खो चुका वर्ना
तुम्हारे हाथ मै मेरा फैसला नही होता..
बहुत शौक है न तुझे ‘बहस’ का
आ बैठ… ‘बता मुहब्बत क्या है’..!!
अब सजा दे ही चुके हो तो हाल ना पूछना मैं अगर बेगुनाह निकला तो तुम्हें अफसोस बहुत होगा..