कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई…कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..
Category: मौसम शायरी
इतनी चाहत से
इतनी चाहत से न देखो भरी महफ़िल में मुझे
वो हरेक बात का अफसाना बना देता है!
अपने रिश्ते में
अपने रिश्ते में कभी शक़ को न आने देना
ये बिना आग ही घर बार जला देता है!
सितारे भी जाग रहे हो
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो..
ऐ चाँद ले चल मुझे वहाँ जहाँ उसके सिवा कोई ना हो ।।
ज़िन्दगी में है
ज़िन्दगी में है थोड़ी उंच नीच मगर,
एक मौत है जो यहाँ सबको बराबर बंटी है।
ख़्वाब टूटे हैं
ख़्वाब टूटे हैं मगर
हौंसले तो ज़िंदा हैं
हम वो है
जहाँ मुश्किलें
शर्मिंदा हैं।
क्या इल्जा़म लगाओगे
क्या इल्जा़म लगाओगे मेरी आशिकी पर,
हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते है..
कलम खामोश पड़ी है
कलम खामोश पड़ी है मेरी,
या तो दर्द दे जाओ या फिर मोहब्बत..
खुद से जीतने की जिद है..
खुद से जीतने की जिद है…मुझे खुद को ही हराना है…
मै भीड़ नहीं हूँ दुनिया की…मेरे अन्दर एक ज़माना है…
पानी से भरी आँखें
पानी से भरी आँखें लेकर वह मुझे घूरता ही रहा,
वह आईने में खड़ा शख्स परेशान बहुत था !!