दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको.. क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई..
Category: मौसम शायरी
आज मैं अकेला हूँ
आज मैं अकेला हूँ, तो क्या हुआ दोस्तो.. एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा..
एक हसीन पल
एक हसीन पल की जरूरत है हमें, बीते हुए कल की जरूरत है हमें, सारा जहाँ रूठ गया हमसे.. जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमे
जितने भी जख्म थे
जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है, वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
kitaab hain zindagi
Lamho ki ek kitaab hain zindagi, Saanso aur khyalo ka hissab hai zindagi Kuch jarurate puri kuch khwaishe aduri Bas inhi sawalon ka jawab hain zindagi.
दिल के उजले
दिल के उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखें बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल मेरे प्यासे होटों पर है अंगारों के फूल इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल लेकर हम निकले हैं… Continue reading दिल के उजले
लो अपना बना कर..
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर.. औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके वफादारी की नौबत आ गई है….
परेशान हुआ है
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,, ना जाने किस हाल मै होगा मुझसे रूठने वाला !!
तेरी दी हुई तन्हाई
बह चुभती है मेरी आंखों में अँधेरा हमसफ़र लगता है तेरी दी हुई तन्हाई का असर ये है अपने आप से डर लगता है