बड़ा अहसान है तेरी सभी नफरतों का मुझपे,
तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया…
Category: मौसम शायरी
हम भी कभी
हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे,
पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!
यहाँ लोग गिनाते है
यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी
मैं अपने आप में खामियां तलाश करता हूँ
किस कदर जोर से
किस कदर जोर से हंसा था दिल !
साफ़ लगता था रोने वाला है !!
बैठा है क्यों
बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में……??
मुझसे तो कह रहा था मुहब्बत फिजूल है……
होशो हवास में
होशो हवास में बहको तो कोई बात बने,
युं नशे में लुढ़कना तो यार पुराना हुआ ।
सारे जग की प्यास
सारे जग की प्यास बुझाना, इतना आसाँ काम है क्या?
पानी को भी भाप में ढलकर बादल बनना पड़ता है|
कल ही तो तौबा की
कल ही तो तौबा की मैंने शराब से… कम्बख्त मौसम आज फिर बेईमान हो गया।।
उड़ने की चाह
आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले..
कभी जमीं पे गिरने की परवाह नहीं करते !!
तुम क्या बिछड़े
तुम क्या बिछड़े भूल गये रिश्तों की शराफ़त हम,
जो भी मिलता है कुछ दिन ही अच्छा लगता है..!!