“कुछ रिश्तों में शक्कर कम थी ….
कुछ अंदर से हम कड़वे थे ।।
Category: बेवफा शायरी
लफ़्ज़ मैने भी
लफ़्ज़ मैने भी चुराए है कई जगह से
कभी तेरी मुस्कान से कभी तेरी बेरुखी से|
जब किसी की
जब किसी की कमियां भी अच्छी लगने लगे ना,,,,
तो मान ही लीजिये,, ये दिल दगाबाजी कर गया…,
मुझसे मौत ने पुछा
मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….?
वक़्त सबको मिलता है
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
बस यही सोचकर
बस यही सोचकर मैं शिकवा नहीं करता…!!!
हर कोई तो यहाँ पर वफ़ा नहीं करता….
दर्द का क्या है
दर्द का क्या है, जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है।
दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।।
तुम बस अपने दिल को
तुम बस अपने दिल को संभालो साहब …
कहीं मेरे अल्फ़ाज़ तुम्हें दिल का मरीज़ ना बना लें…
इश्क़ की दुनिया में
इश्क़ की दुनिया में
क्या-क्या हमको सौग़ातें मिली सूनी सुबह…..रोती शामें…..
…..जागती रातें मिली…
वो चीज़ जिसे
वो चीज़ जिसे दिल कहते है
वो भूल गया में रख कर कही