यह दिल जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह या तो इसे सब कुछ चाईए या कुछ भी नहीं |
Category: बेवफा शायरी
वक़्त भी कितना अजीब होता है
वक़्त भी कितना अजीब होता है यारोँ, किसी का कटता नही और किसी के पास होता नही….
चैन से रहने का
चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये.. मुश्किलें जिन्दगी की अब मजा देने लगी हैं!!!
जाने किस किस को
जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें….
मुझको हर ख़्वाब की
मुझको हर ख़्वाब की ताबीर स डर लगता है भीगी पलको पे कोई ख़्वाब सजाऊं कैसे|
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ़्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है.. और घर टूट जाते है चंद पलों में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!
ज़मीं पर आओ
ज़मीं पर आओ फिर देखो हमारी अहमियत क्या है बुलंदी से कभी ज़र्रों का अंदाज़ा नहीं होता|
अब ना कोई शिकवा
अब ना कोई शिकवा,ना गिला,ना कोई मलाल रहा.सितम तेरे भी बेहिसाब रहे, सब्र मेरा भी कमाल रहा!!
सुंदरता हो न हो
सुंदरता हो न हो सादगी होनी चाहिये. खुशबू हो न हो महक होनी चाहिये. रिश्ता हो न हो बंदगी होनी चाहिये. मुलाकात हो न हो बात होनी चाहिये. यु तो हर कोई उलझा है अपनी उलझनों मे सुलझन हो न हो सुलझाने कि कोशिश होनी चाहिये।
मुझे अपने लफ़्जो से
मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है, ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था…