दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
Category: बेवफा शायरी
उसने एक बार….
उसने एक बार….
अपनी बाहो में भर कर अपना कहा था मुझको
उस दिन से आज तक मैं अपने आप का भी ना हो सका|
खुश नसीब है
खुश नसीब है ये आँखे जो सिर्फ ,
तेरे इंतजार में है, वरना पराये तो यू ही मिल जाते है|
हम उन्ही से सीखे है
माना वो थोड़े से रूखे – रूखे है….!!पर ये भी
सच है कि मोहब्बत हम उन्ही से सीखे है.
तेरा प्यार मुझको
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है!
तेरा ख्वाब मुझको तरसाता ही रहता है!
बन चुकी है जिन्द़गी जुल्मों-सितम की यादें,
मेरा नसीब मुझको तो रुलाता ही रहता है!
ये शायरी भी
ये शायरी भी दिल बहलाने का एक तरीक़ा है साहब
जिसे हम पा नही सकते उसे अल्फ़ाज़ो में जी लेते है|
डाल दिया नावों ने
डाल दिया नावों ने डेरा किनारे
कन्दील पानी में रात जलती रही|
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है मेरे खामोश सवालो पर
तब दिल की जुबाँ स्याही से पन्नें सजाती है|
ये जान भी
ये जान भी निकलेगी थोड़ा इंतज़ार तो कर
तेरे इश्क़ ने मारा है बचूँगा नहीं|
देख के दुनिया को
देख के दुनिया को हम भी बदलेंगे अपने मिज़ाज ए ज़िन्दगी ….
..राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं|