सोचा था उस से बिछडेंगे तो मर जायेंगे हम
जानलेवा खौफ था बस, हुआ कुछ भी नही|
Category: बेवफा शायरी
ला तेरे पैरों में
ला तेरे पैरों में मरहम लगा दूँ ऐ दोस्त
मेरे दिल को ठोकर मारने से चोट तो आई होगी
नाम बदनाम होने की
नाम बदनाम होने की चिंता छोड़ दी मैंने…
अब जब गुनाह होगा, तो मशहुर भी तो होगे…!
ग़ैरों से मतलब नहीं
ग़ैरों से मतलब नहीं, ख़ुद का ही है ध्यान।
अपने-अपने स्वार्थ में, मस्त सभी इंसान।।
दूर – दूर रहते सभी, कोई यहाँ न पास।
बोली में अलगाव है, चेहरे पड़े उदास।।
आखिर कैसे भुला दे
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें….!
मौत इंसानो को आती है यादो को नहीं……
हम कितने दिन जिए
हम कितने दिन जिए ये जरुरी नहीं
हम उन दिनों में कितना जिए ये जरुरी है|
अदब का दरवाज़ा
अदब का दरवाज़ा इतना छोटा और तंग होता है कि…
उसमें दाखिल होने से पहले सर को झुकाना पड़ता है…
नशा सामने लाकर रख दिया
उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा…
सबसे बुरी लत कौन सी है, मैंने कहा तेरे प्यार की |
हम चुप है
हम चुप है तो हमें चुप ही रहने दो..!!
हम जिद पर आ गए तो जमाने से छीन लेंगे तुम्हें….!!!!
मंज़ूर नहीं किसी को
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,
आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..