ज़रा देर बैठे थे

ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!

जानते थे मरने तक

जानते थे मरने तक सताओगे, लेकिन मार के भी सताओगे… ऐसा तो कभी सोचा भी न था|

ज़ुल्फ़ के साए में

ज़ुल्फ़ के साए में एक झुमका छुपा है, उसकी तस्वीर में रात और चाँद दोनों क़ैद हैं|

उस हुस्न के सच्चे मोती

उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सके पर छु न सकें… जिसे देख सके पर छु न सके वह दौलत क्या वह खज़ाना क्या…

अजीब ईत्तेफाक की

अजीब ईत्तेफाक की हमें इश्क हो गया, जिन्दगी अब सितम जाने और क्या देगी…

नज़र उसकी चुभती है

नज़र उसकी चुभती है दिल में कटार की तरह तड़प कर रह जाता हूँ मैं किसी लाचार की तरह उसकी मुलाकात दिल को बड़ा सुकून देती है उससे मिल कर दिन गुज़रता है त्योहार की तरह|

कभी हमसे भी

कभी हमसे भी, पूछ लिया करो हाल-ए -दिल.. कभी हम भी तो कह सकें, दुआ है आपकी |

किसी रोज फिर से

किसी रोज फिर से रोशन होगी जिंन्दगी मेरी क्योकि, इंन्तजार सुबह का नही किसी के लोट आने का है|

बहुत पुख़्ता मिज़ाज है

बहुत पुख़्ता मिज़ाज है वो शख्श। याद रखता है,कि याद नहीं करना…

मुद्दत हुई है

मुद्दत हुई है बिछड़े हुए अपने-आप से… देखा जो आज तुम को तो हम याद आ गए|

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