मेरी हर एक अदा में

मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुम ने महसुस ना की ये और बात है,

मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है,

मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है,

कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी तमन्ना में
मेरी किस्मत में तुम ना थे ये और बात है|