सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में.
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ..
तो बहुत याद आएँगे हम|
Category: बेवफा शायरी
पढ़ ले ना दिल का दर्द
पढ़ ले ना दिल का दर्द कहीं अल्फाज़ बदल लेते है हम
आंखों में नमी आ जाए तो आवाज़ बदल लेते हम!!!
ख़त जो लिखा मैनें
ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर,
डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते !!
पोंछ लो अपने बहते हुए
पोंछ लो अपने बहते हुए आँसुओ को ऐ दोस्त..भला
कौन रहना पँसद करता है, टपकते हुए मकानो मे.!!
इतना शौक मत रखो
इतना शौक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का..
क़सम से रास्ता जाने का है आने का नही..!!
बदला हुआ वक़्त है
बदला हुआ वक़्त है ज़ालिम ज़माना है….
यहां मतलबी रिश्ते है फिर भी निभाना है…!!
कोशिश यही रहती है
कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई ना रूठे,
मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…
सीख रहा हूँ
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए|
खेलना अच्छा नहीं
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से…
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से…
बंद कर दिए हैं
बंद कर दिए हैं हम ने दरवाज़े इश्क के,
पर तेरी याद है कि दरारों से भी आ जाती है|