दिलों कि बात भले ही करता हो ज़माना लेकिन,
आज भी मुहब्बत चेहरों से ही शुरू
होती हैं..
Category: बेवफा शायरी
उन्हे कोई और भी
उन्हे कोई और भी चाहे..
इस बात से हम थोङा- थोङा जलते हैं…!
ग़ुरुर है हमें इस बात पर..कि
सब हमारी पसंद पर ही क्यूँ मरते हैं|
वोह कबसे तलवार लिये
वोह कबसे तलवार लिये मेरे पीछे भाग रही है…
मैने तो मजाक मै कहा था की…
दिल चीर के दैख… तेरा ही नाम होगा..
वाह रे जिन्दगी !
वाह रे जिन्दगी !
भरोसा तेरा एक पल का नहीं;
और नखरे तेरे,
मौत से भी ज्यादा ।
खुद को मेरे दिल में
खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो.
तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता…
लिखते रहे हैं
लिखते रहे हैं तुम्हे रोज ही
मगर ख्वाहिशों के ख़त कभी भेजे
ही नही!
आज भी रखते हैं
आज भी रखते हैं हम साँसों में
उनको शामिल,
जो भूल गया हमारे सीने को रवानी देकर |
अगर प्यार है
अगर प्यार है तो शक़ कैसा
अगर नहीं है तो हक़ कैसा..
मेरे शब्दो को
मेरे शब्दो को इतनी शिद्दत से ना पढा करो,
कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे !!
बोल दिया होता..
बोल दिया होता…
तुम्हे दर्द देना है ऐ जिंदगी,
मोहब्बत को बीच में लाने की
क्या जरुरत थी . . . ?