बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!
मैं शैतान हूँ
कम से कम तब,
जब तुम मेरे सामने भगवान
बनने की कोशिश करो
गैरों से पूछती है तरीके निजात के
अपनों की साजिशों से परेशान जिन्दगी|
मैं इस तलाश में बरसों से सो नहीं पाया
के मेरी नींद न जाने कहाँ पे रखी है|
अभी तो साथ चलना है
समंदरों की लहरों मॆं…
किनारे पर ही देखेंगे…
किनारा कौन करता है?
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो..
सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
क्यों एक दुआ में अटक के रह गया है दिल,
क्यों तेरे सिवा कुछ और माँगा नही जाता|
अकेले कैसे रहा जाता है…
कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िन्दगी में आते हैं..
कहानियाँ लिखने लगा हूँ मैँ अब,
शायरियों मेँ अब तुम समाती नहीँ…
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें…
किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|