एक नींद है जो
रात भर नहीं आती
और
एक नसीब है
जो पता नही कब से सो रहा है।
Category: बेवफा शायरी
कुछ यादें गुमनाम
ना हमने चिट्ठी लिखी ना भेजे पैगाम बिना बुलाए आ गयीं कुछ यादें गुमनाम
पीठ भी दर्द करने लगी
लोग पीठ पीछे इतनी बुराई करते हैं कि अब तो पीठ भी दर्द करने लगी
ख़ुद गुलाब हो कर
ख़ुद गुलाब हो कर तुम गुलाब छूती हो ,
कितनी क़यामतें बरपा करना चाहती हो..??
सफर कहाँ से
सफर कहाँ से कहाँ तक पहुँच गया मेरा..
रुके जो पांव….तो कांधो पे जा रहा हूँ मैं..
आज धुंध बहुत है…
आज धुंध बहुत है…….
काश मै टकरा जाऊँ तुमसे..
आज बहुत मेहरबान हो
आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो,
हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो…
नहीं मांगता ऐ खुदा
नहीं मांगता ऐ खुदा, कि जिंदगी सौ साल की दे,
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे।
आज़ाद कर दिया
आज़ाद कर दिया हमने भी उस पंछी को,
जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहिं समझता था।
कितना प्यार है
कितना प्यार है तुमसे, वो लफ्ज़ों के सहारे कैसे बताऊँ,
महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ।