जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…
Category: बेवफा शायरी
थोड़ी सी तकलीफ
थोड़ी सी तकलीफ थोड़ी सी तन्हाई रहती है हरदम..
हां…मैं उसकी यादों के बाजार में टहलता हूँ।
हो सके तो
हो सके तो, अब के कोई सौदा न करना मैं पिछली मोहब्बत में, सब हार आया हूँ…………
ख्वाहिश भले छोटी सी
ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन…उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए..
मुड़कर नहीं देखता
मुड़कर नहीं देखता अलविदा के बाद ,
कई मुलाकातें बस इसी गुरुर ने खो दी।
कहाँ तलाश करोगे
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा..,
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार
भी करे…
जब भी देखता हूँ
जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी
दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…
रात होते ही
रात होते ही,
तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है
धीरे धीरे बहुत कुछ
धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है…
लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी…
हमने दिया है
हमने दिया है, लहू उजालों को.
हमारा क़र्ज़ है इस दौर के सवेरों पर….