उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी,इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है.
Category: बेवफा शायरी
तेरी मोहब्बत भी किराये के घर
तेरी मोहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई .
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
तो वहाँ खुद को समझा लेना चाहिए…
मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है
मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है ,
लेकिन धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता .. ..
सवाल ही पैदा नहीं होता
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…?
जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना
एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना
तो सौ बार जुनूँ ने तेरी तसवीर दिखा दी
नजरें नीची झुक गई
मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई…..
लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!
अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है
अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है
दर्द ये है कि तुमे परवाह नही है..!!
तेरी आदत सी हो गई
शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई,
तुझे भुलाने की ज़िद थी,
मगर तेरी आदत सी हो गई…!!!
तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था
खिड़की से बाहर जो देखा तो आज फिर बादल बरस रहे थे,
और मैं अन्दर कतरा-कतरा तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था…!!!