दिल में ना जाने क्या क्या दबा रखा है
अब वो ना मुस्कुराते है ना रोते है|
Category: बेवफा शायरी
ये एक ऐसी ख़्वाहिश
ये एक ऐसी ख़्वाहिश जो मिटती ही नही
हौले से छुआ था कल रात तुझे ख्वाबों में
जी भर के तुझे देख लिया इतने करीब थे तुम
फिर भी नज़र है कि तुझसे हटती नही|
आज अचानक कोई
आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत
रोया….
कुछ देर बाद एहसास हुआ ये तो मेरा ही
साया है
है तुमसे गुज़ारिश
है तुमसे गुज़ारिश आख़िरी,
मिल जाओ मुझे तुम फिर
पहली मोहब्बत की तरह|
एक वक़्त पर
सुबह शाम एक एक वक़्त पर दिख जाया करो मेरी जान,डॉक्टर ने कहा है दवा वक़्त पर लेते रहना|
बहुत गुरुर है
बहुत गुरुर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड जाये।
हर शख्स से
हर शख्स से वो जुदा है,
मेरा मोहब्बत ही मेरा खुदा है…
कुछ लोग तो
कुछ लोग तो खिलाफ हों हासिद कोई तो हो,
क्या लुफ्त सीधी सादी मुहब्बत में आएगा….
संबंध कभी भी
संबंध कभी भी सबसे जीतकर नहीं निभाए जा सकते…
संबंधों की खुशहाली के लिए
झुकना होता है,
सहना होता है,
दूसरों को जिताना होता है और
स्वयं हारना होता है।सच्चे सम्बन्ध ही वास्तविक पूँजी है।
हम मेहमान नहीं
हम मेहमान नहीं बल्कि रौनक-ऐ-महफ़िल है,
मुद्दतों याद रखोगे की जिंदगी में आया था कोई!!