बड़ी नादान है इस
निकम्मे दिल की..
हरकतें जो मिल गया
उसकी कदर ही नहीं,
और जो ना मिला उसे
भूलता नहीं..
Category: बेवफा शायरी
आज फिर चाँद की
आज फिर चाँद की पेशानी से उठता है धुआँ
आज फिर महकीं हुई रात में जलना होगा ।
रात बाक़ी थी
रात बाक़ी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र रात बाक़ी है|
वो मेरी हर दुआ में
वो मेरी हर दुआ में शामिल था..
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया|
उसे छुना जुर्म है
उसे छुना जुर्म है,,
तो मेरी फाँसी का इन्तेजाम करो..
मै आ रहा हु उसे सीने से लगा कर…
तुम मुझे हंसी हंसी में
तुम मुझे हंसी हंसी में खो तो दोगे,
पर याद रखना… आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे…
एक नया ही रंग
जब जब सच बोलके देखा मुह पे इंसान के,
हर वक़्त एक नया ही रंग सामने आया ।
वो रुठ कर बोली
वो रुठ कर बोली क्यूं इतना दर्द लिखते हो,
मैंने मुस्कुरा के कहा.. शायरी कोई कानूनन जुर्म तो नहीं..!!
उसकी जरूरत उसका इंतजार
उसकी जरूरत उसका इंतजार और ये तन्हा आलम,
थक कर मुस्कुरा देते है हम जब रो नहीं पाते…!!
कोई झंकार है
कोई झंकार है, नग़मा है, सदा है क्या है ?
तू किरन है, के कली है, के सबा है, क्या है ?
तेरी आँख़ों में कई रंग झलकते देख़े
सादगी है, के झिझक है, के हया है, क्या है ?
रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने
तू कोई झील है, झरना है, घटा है, क्या है ?
नाम होटों पे तेरा आए तो राहत-सी मिले
तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है, क्या है ?
होश में लाके मेरे होश उड़ाने वाले
ये तेरा नाज़ है, शोख़ी है, अदा है, क्या है ?
दिल ख़तावार, नज़र पारसा, तस्वीरे अना
वो बशर है, के फ़रिश्ता है, के ख़ुदा है, क्या है ?
बन गई नक़्श जो सुर्ख़ी तेरे अफ़साने की
वो शफ़क है, के धनक है, के हिना है, क्या है ?