कितना अच्छा लगता है ,
जब कोई कहता है……
अपना ख्याल रखना मेरे लिए !!
Category: प्रेरणास्पद कविता
पैसे गिनने में
पैसे गिनने में उस्ताद हैं ये उंगलियाँ…
किसी के आंसू पोंछने में ही क्यूँ बेकार है….??
सन्नाटा छा गया
सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में,
जब माँ ने पूछा मै हूँ किसके हिस्से मे|
सिमटते जा रहे हैं
सिमटते जा रहे हैं दिल और ज़ज्बातों के रिश्ते ।
सौदा करने में जो माहिर है बस वही कामयाब है।
साज़िशें लाखों बनती हैं
साज़िशें लाखों बनती हैं, मेरी हस्ती मिटाने की! बस दुआएँ मेरी माँ की, उन्हें मुकम्मल होने नहीं देतीं।
रात थी और स्वप्न था
रात थी और स्वप्न था तुम्हारा अभिसार था !
कंपकपाते अधरद्व्य पर कामना का ज्वार था !
स्पन्दित सीने ने पाया चिरयौवन उपहार था ,
कसमसाते बाजुओं में आलिंगन शतबार था !!
आखेटक था कौन और किसे लक्ष्य संधान था !
अश्व दौड़ता रात्रि का इन सबसे अनजान था !
झील में तैरती दो कश्तियों से हम मिले ,
केलिनिश का काल प्रिये मायावी संसार था !!
चंचल चूड़ी निर्लज्जा कौतक सब गाती रही !
सहमी हुई श्वास भी सरगम सुनाती रही !
मलयगिरी से आरोहित राहों के अवसान थे ,
प्रणय सिंधु की भाँवर में छाया हाहाकार था !!
नेह की अभिलाष भरी लालसा फिर तुम बनी !
मद भरा दो चक्षुओं में मदालसा फिर तुम बनी !
वेणी खुलकर यूँ बिखरी और रात गमक उठी ,
शशि धवल मुख देख खुद चाँद शर्मसार था !!
सुने तुम जिस रास्ते से
सुने तुम जिस रास्ते से चाहो आ जाना,मेरे चारो तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत है !
आओ कभी यूँ
आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में ..
लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!
हमको महसूस किया
हमको महसूस किया जायेगा खुशबु की तरह …. हम कोई शोर नहीं जो सुनाई देंगे !!
सच को तमीज़ नहीं
सच को तमीज़ नहीं बात करने की..
जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।