बहुत तेज दिमाग चाहिए…..
गलतियाँ नीकालने के लिए ।
लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए….
गलतियाँ कबुल करने के लिए ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत तेज दिमाग चाहिए…..
गलतियाँ नीकालने के लिए ।
लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए….
गलतियाँ कबुल करने के लिए ।
यूँ चुराकर नही लाया करते दुसरो की शेर-ओ शायरी को
कुछ अपने लफ़्ज़ों पर भी तो एतबार रखिये|
जब भी हक़ जता कर देखा,
मुझे हदें बता दीं गईं मेरी !!!
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ….
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
राख बेशक हूँ मगर मुझ में हरकत है अभी भी..
जिसको जलने की तमन्ना हो..हवा दे मुझको…
इकतरफ़ा इश्क़ का अपना ही है मज़ा
अपना ही गुनाह है अपनी ही सज़ा
हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में
ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं
लेकिन ये सूरज की किरणें हमें
आने वाले पल का संकेत देती हैं
खुली बाहों से इनका सत्कार करो
यही तो जीवन में रंग भरती हैं |
उसने माँगी थी मुझसे जरा सी दुआ,साथ मैंने ही उसके खुदा कर दिया..!!
एक खुदगर्ज़ “ग़ज़ल”
नाम जिसको दिया अपनी पहचान दी,
उसने मुझको ही सबसे जुदा कर दिया..!
उम्रभर साथ चलने का वादा किया,छोड़ तनहा मुझे अलविदा कर दिया..!!
एक मंज़िल से भटका मुसाफिर था वो,
रास्ते में मिला हमसफ़र बन गया,
उसने माँगी थी मुझसे जरा सी दुआ,साथ मैंने ही उसके खुदा कर दिया..!!
रिश्ते-नाते निभाए ज़माना हुआ,
अब तो जज़्बात से खेलते हैं सभी,
पहले उसने मुझे खुद से बेखुद किया,चूकते ही नज़र गुमशुदा कर दिया..!!
मैं खतावार उसको नहीं मानता,
फ़र्ज़ दोनों ने अपना है पूरा किया,
कर वफ़ा मुझको हांसिल जुदाई हुई,उसने हक़ बेवफा का अदा कर दिया..!!
होगी तकलीफ थोड़ी तो सह लूंगा मैं,
गुज़री यादों के साये में रह लूंगा मैं,
दोस्तों,कैसे दूँ अब उसे बददुआ,जिसपे “वीरान” दिल था फ़िदा कर दिया..!!
फैसला होने से पहले मैं भला क्युं हार मानुं;
जंग अभी जीता नहीं, मैं अभी हारा नहीं!
तेरी हसरत दिल में यूँ बस गई है,
जैसे अंधे को हसरत आँखों की…