भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है,
कर्मों का तूफान पैदा करें, दरवाजे अपने आप खुल जायेंगे।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है,
कर्मों का तूफान पैदा करें, दरवाजे अपने आप खुल जायेंगे।
आज नहीं फिर कभी इजहार कर देंगे…
इसी सोच में हमने उम्र निकाल दी…!
और उन्होंने भी अभी तक किसी को अपना नहीं बनाया…!
भुजाओं की ताकत खत्म होने पर,
इन्सान हथेलियों में भविष्य ढूंढता है।
रह जाती है कई बातें अक्सर अनकही,
शब्दों से जब कट्टी हो जाती है…
लुत्फ़ देखा न किसी चीज़ का अश्कों के सिवा
आईं है रोने को दुनिया में हमारी आँखें |
शायरी उसी के लबों पर सजती है ,
साहिब जिसकी आँखों में इश्क रोता हो ..!!!
चाहे आप पूरी दुनिया घूम लें लेकिन
उन गलियों से प्यारी कोई जगह नही
होती जहाँ आपका बचपन गुज़रा है।
ईलाज न ढूँढ इश्क का वो होगा हीं नहीं ,
ईलाज मर्ज का होता है ईबादत क नहीं !
इक़रार कर गया कभी इंकार कर गया;
हर बात एक अज़ाब से दो-चार कर गया;
रास्ता बदल के भी देखा मगर वो शख्स;
दिल में उतर कर सारी हदें पार कर गया………
जिसने हिजरत की है, नफ़रत की नगरी से…
मेरे दिल को, उसके लिए मदीना कर दो…