क्यों ना खुशी से जीने के
बहाने ढूँढले गम तो
किसी भी बहाने मिल ही जाते है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्यों ना खुशी से जीने के
बहाने ढूँढले गम तो
किसी भी बहाने मिल ही जाते है…
अगर होता जोर तुम पर तो दुनिया से तुम्हे चुरा लेते,
दिल के मकान में ताला लगाकर
चाबी पानी में बहा देते |
खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ
आखरी बार उससे|
ज़िंदगी क्यों ऐसी नहीं
जैसी होनी चाहिए !!!
ज़िंदगी क्यों वैसी है
जैसी नहीं होनी चाहिए !!!
बेवफाई का आलम तो देखिए.
मेरे पास आके पूछते है
तुम कौन हो….!!!
तेरी जगह आज भी कोई
नहीं ले सकता..खुबी तुझ में नहीं कमी मुझ में है..
कहानीयो के हकदार नही,
इतिहास के वारसदार हैं हम !!
अब इससे ज्यादा और क्या नरमी बरतूं
दिल के जख्मों को छुआ है तेरे हसीं गालो की तरह|
तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे
किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो
इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला!