मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है !
ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है !
ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं !!
क्या ख़ाक तरक़्क़ी की आज की दुनिया ने…
मरीज़-ए-इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे हैं!!!
मैं था एक अड़ियल ख़ामोशी, वो एक ज़िद्दी चीख थी
मेरी भी गलती नहीं थी, वो भी अपनी जगह ठीक थी।
नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती ……
अब में कहाँ कहाँ खुद में बुराई ढूँढू …!!
हर रिश्ते का नाम मोहब्बत हो ये जरुरी तो नही..
कभी कभी कुछ बेनाम रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन रहता है…
इश्क़ की गहराईयो से खूब सूरत क्या है, मैं हूं , तुम हो, और कुछ की जरूरत क्या है!!!
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं;
तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं;
हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं;
और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।
कोड़ी कोड़ी में बीके लोग…
गुटनो पे टिके लोग…
साला बरगद को चुनोती देते है …
ये गमलो में उगे लोग !!
तू मोहोब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे…
अगर मेरी जिद्द होती तो देर शाम तक मेरी बाहो में होती ..!!
आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर…
एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ..!!