रात थी और स्वप्न था तुम्हारा अभिसार था ! कंपकपाते अधरद्व्य पर कामना का ज्वार था ! स्पन्दित सीने ने पाया चिरयौवन उपहार था , कसमसाते बाजुओं में आलिंगन शतबार था !! आखेटक था कौन और किसे लक्ष्य संधान था ! अश्व दौड़ता रात्रि का इन सबसे अनजान था ! झील में तैरती दो कश्तियों… Continue reading रात थी और स्वप्न था
Category: प्यार
सज़ा ये दी है
सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें , क़ुसूर ये था कि जीने के ख़्वाब देखे थे|
मालूम हमें भी है
मालूम हमें भी है बहुत से तेरे किस्से, पर बात हमसे उछाली नहीं जाती..
लफ़्ज़ों की प्यास
लफ़्ज़ों की प्यास किसे है… मुझे तो तेरी खामोंशियों से भी इश्क है|
वक्त के मरहम से
वक्त के मरहम से अभी दिल के जख्म भरे ही नहीं थे, न जाने आज वो फिर क्यों याद आ गए…………….!!
वक़्त का फेर
वक़्त का फेर वक़्त है ढल चुका और ढल चुका वो दौर भी…. फ़िर भी आइने में, वक़्त पुराना ढूंढते हैं !! महफिलें सजती थीं जहाँ दोस्तों के कहकहों से…. दीवारों-दर पे, उनके निशान ढूंढते हैं !! कुछ दर्द वक़्त ने तो कुछ हैं अपनों ने दिए…. अकेले आज भी, दिल के टूकड़ों को जोड़ते… Continue reading वक़्त का फेर
अगर इतनी नफरत है
अगर इतनी नफरत है मूझसे..,,तो कोई ऐसी दुआ कर की.तेरी दुआ भी पुरी हो जाए..,और मेरी जिंदगी भी ।
लफ्ज़ उसकी यादो का
लफ्ज़ लफ्ज़ उसकी यादो का मेरे ज़हन में दर्ज है उसका इश्क़ ही इलाज है उसका इश्क़ ही मेरा मर्ज़ है|
तुम कब भूल जाओ
क्या पता तुम कब भूल जाओ ये मोहब्बत… जिसे हम ज़िन्दगी और तुम एक लफ्ज़ कहते हो…
जैसा याद और हिचकी
जैसा याद और हिचकी मे है वैसा ही कुछ ताल्लुक है तमाम कोशिशें नाकाम रहीं इस रिश्ते पर लफ्ज का रंग ना चढ़ा|