हर फैसले होते नहीं सिक्के उछाल कर
यह दिल के मामले है.. जरा संभल कर|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर फैसले होते नहीं सिक्के उछाल कर
यह दिल के मामले है.. जरा संभल कर|
तेरी चाहत तो मुक़द्दर है मिले न मिले
राहत ज़रूर मिल जाती है तुझे अपना सोच कर|
वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो शरारत भी तेरी
थी….!!
अगर कुछ बेवफाई थी, तो वो बेवफाई भी
तेरी थी….!!
हम छोड़ गए तेरा शहर, तो वो हिदायत भी
तेरी
थी…!!
अगर करते तो किस्से करते तुम्हारी
शिकायत…!!
वो शहर भी तेरा था वो अदालत भी
तेरी थी..!!
कोई कीमत ना थी मेरी पर तूने थामकर
हाथ मेरा ,मुझे अनमोल कर दिया …!!!!
हमसे हमारी उम्र ना पूछना ए दोस्तो,
हम तो इश्क़ हैं, हमेशा ही जवां रहते हैं|
उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे,
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखें हैं !
कमबख्त दिल तैयार ही नही होता उसे भूलने के लिए,
मैं उसके आगे हाथ जोडता हूँ वो मेरे पैर पड़ जाता हैं,.,!!
सुरमे की तरह मुझको हालात ने पीसा है…
तब जाके चढ़ा हूँ मैं लोगों की निगाहों में…
काश वो आये और देखकर ये कहे मुझसे..
हम मर गये है क्या जो इतने उदास रहते हो..
जब से तूने हल्की हल्की बातें की हैं….
तबियत भारी भारी सी रहती है……