कुछ कदम हम चले

कुछ कदम हम चले…
कुद कदम तुम चले…
फर्क सिर्फ इतना रहा,
हम चले तो फासला घटता गया,
और तुम चले तो फासला बढ़ता गया…

ना दिल से होता है

ना दिल से होता है,
ना दिमाग से होता है,
यह प्यार तो इत्तेफाक से होता है,
पर प्यार करके प्यार ही मिले,
ये इत्तेफाक किसी किसी के साथ होता है…

आप ने नजर से

आप ने नजर से नजर जब मिला दी,
हमारी जिंदगी झूम कर मुस्कुरा दी,
जुबां से तो हम कुछ भी ना कह सके,
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी।

जिसकी तलाश है

जिसकी तलाश है उसको पता भी नहीं,
हमारी चाहत को उसने समझा ही नहीं,
हम पूछते रहे क्या उसे प्यार है,
उसने कहा हमें पता ही नहीं।

अतीत अपने आप को

अतीत अपने आप को क्यों दोहराता है
मिल कर कोई फिर क्यों खो जाता है
जिंदगी भर साथ रहने का वादा क्यों किया
जब तुम्हें सिर्फ बिछड़ना ही आता है|