दुसरो की छांव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते है,
खुद की परछाई के लिये तो,
हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दुसरो की छांव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते है,
खुद की परछाई के लिये तो,
हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..
उसका चेहरा जो मेरी आँखों में आबाद हो गया
मैने उसे इतना पढ़ा कि मुझे याद हो गया
.
अब सहारों की बात मत करना….…
अब दिलासों से भर गया है दिल….!!
जीते हैं इस आश पर कि एक दिन तुम आओगे ।।
मरते इसलिए नहीं कि तुम अकेले रह जाओगे ।।।
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !
मुझे मालूम है मेरी किस्मत में नहीं हो तुम लेकिन ..।
मेरे मुकद्दर से छुपकर मेरे एक बार हो जाओ ..।
नींद आँखों में लिये, सुस्त पड़ी है कागज पर,
थकान लफ्ज़ों की मेरे, उतरी नहीं अब तक…
करवट बदलने का क्या फायदा,
इस तरफ भी तुम, उस तरफ भी तुम……
आज फिर चाँद की पेशानी से उठता है धुआँ
आज फिर महकीं हुई रात में जलना होगा ।
सोच समझकर बर्बाद करना मुझे,
बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे !!