सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा एहसास की एहमियत होती है।
Category: प्यार शायरी
हाल ए दिल
बस मे होता गर हाल ए दिल बयाँ करना
तो कसम से
हम आईने को भी रुला देते…
मेरी बात सुन
मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जुर्म में….
जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी.
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
शब्दों की प्यास
शब्दों की प्यास किसे है
मुझे तो तुम्हारी खामोंशियों से इश्क है,,,
शोहरत की आरज़ू
शोहरत की आरज़ू ने किया बेवतन हमें,
इतनी बढ़ी ग़रज़ कि उसूलों से हट गए।
दिल के उजले
दिल के उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखें
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें
नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल
मेरे प्यासे होटों पर है अंगारों के फूल
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें
कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल
लेकर हम निकले हैं अपनी आखों के कश्कोल
हम बंजारे, प्रीत के मारे, क्या संगीत लिखें
शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम
जमुना जी के ऊंगली पकड़े खेल रहा है मधुबन
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत
लो अपना बना कर..
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर..
औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
वो खुदा से
वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..!
जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!
हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….