मैं दिया हूँ ….
दुश्मनी तो सिर्फ़ अँधेरे से है मेरी ….
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ़ है …!!
Category: प्यार शायरी
चाहने की आदत
बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में,
लेकिन, तुम्हें वो टूट कर चाहने की आदत अब तक नहीं बदली..
मुक़द्दर की बात है
मेरी तबाहियों में तेरा हाथ है मगर…
मैं सबसे कह रहा हूँ मुक़द्दर की बात है..
बदल रहे हैं
चर्चा है नुक्कड़ ,गली,अखबारो में..!
वो खुद को बदल रहे हैं इश्तिहारों में…!!
लफ्ज़ जब सारे
मुक्कमल सी लगती है
.
मेरी शायरी,
लफ्ज़ जब सारे मेरे होते हैं,
.
और ज़िक्र तेरा…!!
Gair Samajhte Ho
Tum aaj mujhe gair samajhte ho to koi baat nahi
jab matlabi logo se miloge tab yaad mujhe hi karoge
उम्र के साथ
उम्र के साथ सबक नए मिलते गए.
कुछ रूठ गये हमसे,
कुछ को हम खोते गए..!!
सिर्फ उसी का था
ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ,
मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था,
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं;
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।
आह निकल जाती है
देखकर दर्द किसी का,
जो आह निकल जाती है..!!
बस इतनी सी बात,
आदमी को इन्सान बनाती है….!!!
हम बिछड़े थे
कितने दर्दनाक थे वो मंज़र, जब हम बिछड़े थे,
उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं..