मेरे दिल से

मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके,

और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम..

जो मिलते हैं

जो मिलते हैं,
वो बिछड़ते भी हैं,
हम नादान थे…!!
एक शाम की, मुलाकात को,
जिंदगी समझ बैठे…!!