देश के कई हिस्सों भूकंप के झटके~ प्रकृति समय-समय पर इंसान को चेतावनी देती रहती है कि तू किरायेदार की तरह रह…. मालिक बनने की कोशिश मत कर..!!
Category: प्यार शायरी
अपने दिये को
अपने दिये को चाँद बाताने के वास्ते बस्ती का हर चिराग बुजाना पड़ा हमे
ज़माना ज़ुल्म ढाये
लाख ज़माना ज़ुल्म ढाये, वक़्त न वो ख़ुदा दिखाये जब मुझे हो यक़ीं कि तू हासिल-ए-ज़िन्दगी नही
सफर में मुश्किलें
सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है, कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है, अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है
गांव की शादी
गांव की शादी में सबसे ज्यादा इज्जत उस शख्स की होती है जिसे टाई बांधना आती है। शहर की शादी में उसकी होती है जिसे पगड़ी (साफा) बांधना आता हो।
उदासी की वजह
किसी शायर से कभी उसकी उदासी की वजह पूछना… दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा|
दिल-ए-नादाँ
दिल-ए-नादाँ न धड़क, ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क कोई ख़त लेके पड़ोसी के घर आया होगा
तरसते ही तरस्ते
हम तरसते ही तरस्ते ही तरसते ही रहे वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले
माँ मुझे मारेगी
आज फिर माँ मुझे मारेगी बहुत रोने पर आज फिर गाँव में आया है खिलोने वाला|
तेरा हर लिबास
यूँ तोह तेरा हर लिबास मेरे सामने ही चढ़ा और उत्तर है। आज ये कौनसा लिबास था जो मेरे सामने भी था पर मेरे करीब नहीं