तुम मेरे हाथ की वो लकीर हो जो मेरे नसीब में नही |
Category: प्यार शायरी
क्यों ना खुशी से
क्यों ना खुशी से जीने के
बहाने ढूँढले गम तो
किसी भी बहाने मिल ही जाते है…
अगर होता जोर तुम पर
अगर होता जोर तुम पर तो दुनिया से तुम्हे चुरा लेते,
दिल के मकान में ताला लगाकर
चाबी पानी में बहा देते |
खींच लेती है मुझे
खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ
आखरी बार उससे|
ज़िंदगी क्यों वैसी है
ज़िंदगी क्यों ऐसी नहीं
जैसी होनी चाहिए !!!
ज़िंदगी क्यों वैसी है
जैसी नहीं होनी चाहिए !!!
तुम कौन हो
बेवफाई का आलम तो देखिए.
मेरे पास आके पूछते है
तुम कौन हो….!!!
तेरी जगह आज भी
तेरी जगह आज भी कोई
नहीं ले सकता..खुबी तुझ में नहीं कमी मुझ में है..
इतिहास के वारसदार हैं
कहानीयो के हकदार नही,
इतिहास के वारसदार हैं हम !!
जख्मों को छुआ है
अब इससे ज्यादा और क्या नरमी बरतूं
दिल के जख्मों को छुआ है तेरे हसीं गालो की तरह|
तन्हाई क्या हैं
तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे
किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो