रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है,
वो माँ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?
Category: प्यारी शायरी
नजर ख़राब है
मेरे हाथ में गंगाजल,तेरे हाथ में शराब है????
मैं हो गया अमावास तू माहताब है?
तेरी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी??
उठी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है??
चलते रहेंगे क़ाफ़िले
चलते रहेंगे क़ाफ़िले मेरे बग़ैर भी यहाँ.
एक तारा टूट जाने से, फ़लक़ सूना नहीं होता…
दिसंबर करीब है
उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है…
…
सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!
की थी मैंने मोहब्बत से तौबा
आज फिर की थी मैंने मोहब्बत से तौबा,
आज फिर उनकी तस्वीर देख कर नियत बदल गई।
ख़ुदा के नाम पे
ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं,
दुआ करो कि अकेला ख़ुदा ना रह जाए….!!
हम को वहम है
उड़ रही है पल – पल ज़िन्दगी रेत सी..!और हम को
वहम है कि हम बडे हो रहे हे..!!
शामिल नहीं हैं
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे….!!!!
मुश्किलें तमाम है
जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है,
फिर भी इन होठों पे मुस्कान है,
जीना जब हर हाल में है तो,
फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!