अरे ये इश्क है मेरी जान
कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अरे ये इश्क है मेरी जान
कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं |
मैंने चाहा है तुझे आम से इंसाँ की तरह
तू मेरा ख़्वाब नहीं है जो बिखर जाएगा |
जमाने में कभी भी किस्मतें बदला नही करती!!
उम्मीदों से भरोसों से दिलासों से सहारों से |
न पूछ देख के कितना मलाल होता है
जो ख़्वाब देखने वालों का हाल होता है|
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते…
नसीब वालो को मिलते है…
फिकर करने वाले…
मुझे अपने दिल की औकात तो नहीं मालूम मगर ,
जहां तुम समाये हो,वो दिल कोई आम नहीं होगा…!
जिंदगी से आप जो भी बेहतर से बेहतर ले सको वो लेलो,
क्योंकि जिंदगी जब लेना शुरू करती है सांस भी बाकी नहीं छोडती|
फूलो कि वादी में हो बसेरा आपका, चाँद सितारो के आँगन में हो घर आपका,
ये दिल से दुआ हे एक दोस्त कि दूसरे दोस्त से,
के तुम से भी खूबसूरत हो मुकदर तेरा|
दिलों में रहना सिखो,
घर में तो सभी रहते हैं…