वो शाम-ऐ-इश्क़ फिर दोबारा नहीं आई.,
जब थे उस दिन रूठे तब तुम हमे मानाने नहीं आई|
Category: प्यारी शायरी
मिल ही जाएगा
मिल ही जाएगा हमें भी टूट कर चाहने वाला…!!
अब शहर का शहर तो बेवफ़ा हो नहीं सकता…!!
एक राज़ की बात
एक राज़ की बात बताऊँ किसी से बताना नहीं…!!
इस दुनिया में अपने सिवा कुछ भी अपना नहीं…!!
तेरे इश्क़ का सुरूर
तेरे इश्क़ का सुरूर था जो खुद को बरबाद कर दिया…!!
वरना एक वक्त था जब दुनियां मेरी भी रंगीन थी…!!
अदावत दिल में
अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखतें हैं…!!
ना जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं…!!
हमारी ख़ताओं का हिसाब
हमारी ख़ताओं का हिसाब रखते जाना,
उनकी अदाओं का हिसाब मुमकिन नहीं..
मेरी चाहत की इन्तहा
काश के कभी तुम समझ जाओ मेरी चाहत की इन्तहा को,
हैरान रह जाओगे तुम अपनी खुश-नसबी पर..
एक सिलसिले की उम्मीद
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे;
वही फ़ासले बनाते गये!
हम तो पास आने की कोशिश में थे;
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!
फासले इस कदर भी
फासले इस कदर भी न रखो रिश्तों में ,
जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में…..
गुलामी ख्वाहिशो की है
गुलामी ख्वाहिशो की है और मज़बूरी जरूरतों की..
वर्ना खुश मिजाज़ होना भला किसे खलता है..