तू भेज रंग मुहब्बत
के वहाँ से
हम भीगेगे उस
बरसात में यहां से……
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू भेज रंग मुहब्बत
के वहाँ से
हम भीगेगे उस
बरसात में यहां से……
मुझमें डूबोगे नहीं तो भला जानोगे कैसे ?
दर्द का समुन्दर आखिर कितना गहरा है..
दुआएं रद्द नही होती
बस बहेतरीन वख्त पे कबूल होती है…..
उलझने क्या बताऊँ ज़िंदगी की..
तेरे ही गले लगकर,
तेरी ही शिकायत करनी है मुझे..
तुम ने वादा किया था मेरे संग चलने का ….
फिर ये फन कहाँ से सीखा रास्ता बदलने का …
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!!
मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली,
बन के बेवफा मिली…..
इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे,
जितनी मुझे सजा मिली..
मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया
सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को,
कि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का
मन करता है कभी- कभी।।