कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके दिल को देखो,
क्योंकि अगर “सफेद” रंग में वफा होती तो “नमक” जख्मों की दवा होती “.!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके दिल को देखो,
क्योंकि अगर “सफेद” रंग में वफा होती तो “नमक” जख्मों की दवा होती “.!
कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों में;
वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये!
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में, वफ़ादार तो हमेशा तनहा ही मिलते हैँ…
ख़ामोश रह कर सजा काटते रहे हम। कसूर इतना था कि बे-कसूर थे हम..!!
देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई,
इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।
मेरी बेफिक्र अदा से लोगों में गलतफहमी बेहिसाब है,
उन्हें क्या मालूम, मेरा वजूद फिक्र पर लिखी गई इक किताब है…!
हमारी महोबत ऐसी है…..
आपके ना होते हुऐ भी आपसे ही रहेगी…
ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।
मुद्दतों जिसकी याद में आंख की नमी ना गयी ,
उसकी ही बातें आज हमें मतलबी ठहरा गयी…
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर……
जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो….!!