सख़्त हाथों से भी
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ
रिश्ते ज़ोर से नहीं
तमीज़ से थामे जाते हैं….
Category: प्यारी शायरी
नजाकत तो देखिये
नजाकत तो देखिये साहेब..चांद सा जब कहा उनको..
तो कहने लगी..चांद कहिये ना ये चांद सा क्या है..
काफी दिनों से
काफी दिनों से
कोई नया जख्म नहीं मिला;
पता तो करो..
“अपने” हैं कहां ????
पाने की बेकरारी
पाने की बेकरारी
और
खोने की दहशत,
इन्हीं बेचैनियों का नाम है मोहब्बत|
उसका नजर से
उसका नजर से दूर रह कर भी, मेरी हर सोंच में हमेशा रहना…..
किसी के पास रहने का तरीका हो,
तो ऐसा ही हो….
गरीब की बस्ती
गरीब की बस्ती में ज़रा जा कर तो देखो
दोस्तों
वहां बच्चे भुखे तो मिलेंगे पर उदास नही
बड़ा अहसान है
बड़ा अहसान है तेरी सभी नफरतों का मुझपे,
तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया…
एक बेहतरीन रिश्ते को
एक बेहतरीन रिश्ते को उसने
खामोश होकर
सदा के लिए खामोश कर दिया |
हम भी कभी
हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे,
पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!
यहाँ लोग गिनाते है
यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी
मैं अपने आप में खामियां तलाश करता हूँ