वो माचिस की तिल्लियों से खेलते रहे,
बिना परवाह किये की दिल मेरा कागज का था !!
Category: प्यारी शायरी
बरसात के मकोड़े
बरसात के मकोड़े हमें यही सिखाते है…
की…….जिनके पंख लग जाते है वो कुछ ही दिनों के मेहमान होते है ।!
हमने देखे है
हमने देखे है करोड़ो
अक्लमंद …
हर किसी की सोच
रोटी-दाल तक |
ख़ामोशी की वजह
ख़ामोशी की वजह इश्क़ है, वरना तुझे तमाशा हम भी बना देते ..!!
अदा न हुआ
अदा न हुआ कर्ज वजूद खत्म हो गया
जिंदगी का देते देते मै सूद खत्म हो गया|
मैं मुसाफिर हूँ
मैं मुसाफिर हूँ ख़ताऐं भी हुई हैं मुझसे ……!!!
तुम तराज़ू में मेरे पाँव के छाले रखना ……!!!
इस तरह ज़िन्दगी में
इस तरह ज़िन्दगी में मुझे तेरा साथ चाहिये,
जैसे बच्चे को भीड़ में एक हाथ चाहिए|
हवा चुरा ले
हवा चुरा ले गयी थी मेरी ग़ज़लों की
किताब..
देखो,
आसमां पढ़ के रो रहा है.
और
नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो
रही है..!
गाँव की गलियाँ
गाँव की गलियाँ भी अब सहमी-सहमी रहती होंगी ,
की जिन्हें भी पक्की सड़कों तक पहुँचाया वो मुड़के नहीं आये..!!
बस्तियाँ बसाई जाए
या तो हमें मुकम्मल चालाकियाँ सिखाई जाए,
नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियाँ बसाई जाए