सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर,
बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर,
बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…
किस्मत की लकीरें भी ये क्या हो गई…..
हाथों से छूटी और गुमनाम राहें हो गई..
कौन कहता है कि ‘पैसा’
सब कुछ खरीद सकता है. . .
दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को
खरीदकर दिखाईये…!!!
जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें…
हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया..
वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ;
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दुनिया के जितने ऐब थे,
मेरी बेटी मे आ गए….!!
#लाचारपिता
बात छोटी है पर विचारणीय है…
जिस धागे की गांठ खुल सकती हो,
उस पर कैची मत चलाओ…!
आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें ।
इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता |
देखकर किसी का दर्द जो आह. . निकल जाती हैँ……
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती हैँ