देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…, हम दुआ को आजमायेंगे…!!!
Category: दर्द शायरी
गहरी नींद का मंज़र
उनकी गहरी नींद का मंज़र भी कितना हसीन होता होगा.. तकिया कहीं.. ज़ुल्फ़ें कहीं.. और वो खुद कहीं…!!
इंसान ख्वाइशों से
इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है…, उम्मीदों से ही घायल है…उम्मीदों पर ही जिंदा है…!!
वो अक्सर देता है
वो अक्सर देता है मुझे , परिंदों की मिसाल .साफ़ नहीं कहता के , मेरा शहर छोड़ जाओ…
पंछी बनने का मज़ा
आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है.. अपनी शर्तों पर जीने का….नशा ही अलग है …
यूँ तो गलत नही
यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के, लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है।
अर्थ लापता हैं
अर्थ लापता हैं या फिर शायद शब्द खो गए हैं, रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते….
तुम आसमाँ की
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आना हमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है..!
गलियों की उदासी
गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है.. इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।