ह्रदय की आंखो से प्रभु का
दीदार करो…
दो पल का है अन्धेरा बस सुबह का इन्तेजार करो..
क्या रखा है आपस के बैर मे मेरे साथियों ,
छोटी सी है ज़िंदगी बस , हर किसी
से प्यार करो.।
Category: दर्द शायरी
अपने मेहमान को
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम है…
ख़ूबसूरत यूँ ही
ख़ूबसूरत यूँ ही नहीं हूँ मैँ
तेरे ग़म का निखार है मुझ पर|
खुब चर्चे हैं
खुब चर्चे हैं खामोशी के मेरी
होंठ पर ही जवाब रख लूं क्या|
कंदा दे रहे थे
कंदा दे रहे थे अचानक से हट गए…!!
शायद किसी ने कह दिया गुनहगार की
लाश है…!
मैं कुछ दिन से
मैं कुछ दिन से अचानक फिर अकेला पड़ गया हूँ
नए मौसम में इक वहशत पुरानी काटती है|
जब मेरी नब्ज देखी
जब मेरी नब्ज देखी हकीम ने तो ये
कहा,
कोई जिन्दा है इस मे.. मगर ये मर चुका है…!
दिल के सागर में
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आकर युँ तडपाया ना करो।
कागज़ों पे लिख कर
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नहीं,
मैं वो शायरा हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है…।।
ज़माना बहुत तेज़ चलता है
ज़माना बहुत तेज़ चलता है
साहेब…
मैं एक दिन कुछ ना लिखूँ…लोग मुझे भूलने लगते हैं|