लुटा चुका हूँ

लुटा चुका हूँ बहुत कुछ,

अपनी जिंदगी में यारो;

मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो,

जो लिखकर बयाँ करता हूँ|

दुआ जो लिखते हैं

दुआ जो लिखते हैं उसको दग़ा समझता है
वफ़ा के लफ्ज़ को भी वो जफ़ा समझता है
बिखर तो जाऊं गा मैं टूट कर,झुकूँ गा नहीं
ये बात अच्छी तरह बेवफा समझता है|