बदल गई है रुत मेरी इन आँखों की,
बरसात होती रहेती है घडी घडी !!
Category: दर्द शायरी
किसे मालूम था
किसे मालूम था इश्क इस क़दर लाचार करता है,
दिल उसे जानता है बेवफा मगर प्यार करता है…
ज्यादा कुछ नहीं
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र बढने के साथ,
बस बचपन की जिद समझौतों में बदल जाती है…
जिस वक़्त दिल चाहे..
जिस वक़्त दिल चाहे… आप चले आओ
मैं……. कोई चाँद पर नहीं रहता
तीर की तरह
तीर की तरह नुकीली हो गई है,
ज़िन्दगी माचिस की तिली हो गई है.!!
दिल को इसी फ़रेब में
दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर
इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं|
गुजर जाऊंगा यूँ ही
गुजर जाऊंगा यूँ ही किसी लम्हे की तरह,
और तुम….. औरो में ही उलझे रहना..!!
हर वक़्त ख्याल
हर वक़्त ख्याल उसका ऐ दिल,
क्या मैं तेरा कुछ भी नहीं लगता..
यूँ ना हर बात पर
यूँ ना हर बात पर जान हाजिर कीजिये,
लोग मतलबी हैं कहीं मांग ना बैठे…!!!
सवाल ज़हर का
सवाल ज़हर का नहीं था
वो तो हम पी गए
तकलीफ लोगो को बहुत हुई
की फिर भी हम कैसे जी गए