दिल की उम्मीदों का
हौसला तो देखो,
इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं.!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल की उम्मीदों का
हौसला तो देखो,
इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं.!!!
हमको टालने का
शायद तुमको सलीका आ गया. . .
बात तो करते हो लेकिन,अब तुम अपने नहीं लगते !!
बिछड़ने के कोई कायदे
कानून तो होने चाहिए….
ये क्या हुआ —
दिल खाली था तो रहने लगे
दिल भर गया तो चल दिए …
तुम्हारा दीदार..और वो
भी..आँखों में आँखें डालकर….
.हाय
ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।
मेरी आँखों की सुर्खी देख
कर कहने लगे हैं लोग,
”
.
.
.
.
लगता है तेरा प्यार तुझे आजमाता बहुत है……!!
सफ़र तुम्हारे साथ बहुत
छोटा था ……!!
.
.
मगर….
.
.
यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए…!!
वक़्त के साथ हर कोई बदल जाता है
गलती उसकी नहीं जो बदल जाता है
बल्कि गलती उसकी है जो
पहले जैसा रह जाता है
कल भी हम तेरे थे…आज भी हम तेरे है.. बस फर्क इतना
है
पहले अपनापन था…अब अकेलापन है..
लो आज हम तुमसे निकाह-ए-इश्क करते हैं ……
हाँ मुझे तुमसे “मोहब्बत है , मोहब्बत है , मोहब्बत है”……..
अब तेरा ऐतबार तो कभी करना ही नहीं.. ऐ-दिल..!
…
उजाड़ बैठा है तू हमे, बे-ईमान कहीं का..!!