छत पर आकर वो

छत पर आकर वो फिर से मुस्कुरा के चली गईं, दिल पहले से हाईजैक था, मुर्दे दिमाग में भी लालटेन जला के चली गईं।

आपसे कहना ज़रूर था..

अब आ गये हैं आप तो आता नहीं है याद वर्ना कुछ हमको आपसे कहना ज़रूर था….!

यह दिल जिद पे अड़ा है

यह दिल जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह या तो इसे सब कुछ चाईए या कुछ भी नहीं|

कितना अजीब होता है

वक़्त भी कितना अजीब होता है यारोँ, किसी का कटता नही और किसी के पास होता नही….

हमको मशवरा मत दीजिये

चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये.. मुश्किलें जिन्दगी की अब मजा देने लगी हैं!!!

जाने किस किस को

जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें….

देखते ही देखते

देखते ही देखते शहरों की रौनक़ बन गया, कल यही चेहरा था जो हर आईने पे भार था |

मुझको हर ख़्वाब की

मुझको हर ख़्वाब की ताबीर स डर लगता है भीगी पलको पे कोई ख़्वाब सजाऊं कैसे|

फिर लौटकर नहीं आते

मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है , यह रूठ जायें तो फिर लौटकर नहीं आते |

मकान बन जाते है

मकान बन जाते है कुछ हफ़्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है.. और घर टूट जाते है चंद पलों में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!!

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