नशे में चूर होगी

नशे में चूर होगी तू किसी ग़ैर की बांहों में, दबाकर लकड़ियों में जब मुझे दुनिया जलायेगी

इस शहर में

इस शहर में मज़दूर जैसा दर-बदर कोई नहीं.. जिसने सबके घर बनाये उसका घर कोई नहीं..

हर बार रिश्तों में

हर बार रिश्तों में और भी मिठास आई है, जब भी रूठने के बाद तू मेरे पास आई है !!

उस मोड़ से

उस मोड़ से शुरु करे आ फिर से जिंदगी.. हर शह जहां हसीन थी..और हम तुम अजनबी..

ये सगंदिलो की दुनिया है

ये सगंदिलो की दुनिया है,संभलकर चलना गालिब, यहाँ पलकों पर बिठाते है, नजरों से गिराने के लिए…

जिन्हे आना है

जिन्हे आना है वो खुद लौट आयेंगे तेरे पास ए दोस्त,बुलाने पर तो परिंदे भी गुरुर करते है अपनी उड़ान पर !!

मैंने कब तुझसे

मैंने कब तुझसे तेरे जाने की वजह पूछी है,पर मुझे छोड़ने से पहले कोई इलज़ाम तो लगा !!

हसरतें जिद्दी औलाद सी

हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है… और जिंदगी मजबूर माँ सी..!

मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ..

मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ.. मगर इतना तो बता… देखकर मुझको… तेरे ज़हन में आता है क्या….

अब वहां यादों का

अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है.. जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..

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